Sad shayari in hindi

सोचा था तड़पायेंगे हम उन्हें,
किसी और का नाम लेके जलायेगें उन्हें,
फिर सोचा मैंने उन्हें तड़पाके दर्द मुझको ही होगा,
तो फिर भला किस तरह सताए हम उन्हें।

 

Ab Na Kholo Mere Ghar Ke Udaas Darwaze,
Hawa Ka Shor Meri Uljhanein Bada Deta Hai.

 

जिसके नसीब मे हों ज़माने की ठोकरें,
उस बदनसीब से ना सहारों की बात कर।

 

Bula Raha Hai Kaun MujhKo Uss Taraf,
Mere Liye Bhi Kya Koi Udaas BeKaraar Hai.

 

आज कल वो हमसे डिजिटल नफरत करते हैं,
हमें ऑनलाइन देखते ही ऑफलाइन हो जाते हैं..

 

bevphaa log badh rahe hain dhire dhire,
ek shahar ab enkaa bhi honaa chaahia

 

आँखें थक गई है आसमान को देखते देखते
पर वो तारा नहीं टूटता ,जिसे देखकर तुम्हें मांग लूँ

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